04 January, 2014

विकार!!!!

अपने मातृभूमि का त्याग करने कि इच्छा केवल दो प्रकार के व्यक्तिओंके ही मन मैं उत्पन्न हो सकती है. एक जिसके ह्रदय मैं केवल स्वार्थ भरा हो या फिर दूसरा जो अपने ही देश मैं स्वयं का स्थान प्रस्थापित करने मैं या फिर स्वयम अपना पुरुषार्थ सिध्द करने मैं असफल रहा हो. आशा करता हूँ के हम सब का मन इन विकारों से मुक्त रहे!!!!!

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